self help group in hindi pdf | स्वयं सहायता समूह में रोजगार | महिला स्वयं सहायता समूह रोजगार योजना | swayam sahayata samuh | swayam sahayata samuh se kya labh hai | swayam sahayata samuh in hindi
दोस्तों आपने स्वयं सहायता समूह के बारे में तो सुना होगा। परंतु बहुत से लोग यह जानना चाहते होंगे कि स्वयं सहायता समूह क्या है। आज हम आपको स्वयं सहायता समूह के बारे में जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं। जिससे जिन लोगों को इसके बारे में नहीं पता था। उनको स्वयं सहायता समूह का ज्ञान प्राप्त होगा। स्वयं सहायता समूह यानी (self-help group) इस समूह में कुछ सामान आय वर्ग के नागरिकों का एक समूह बनाया जाता है। और यह समूह (group) किसी विशेष उद्देश्यों को पूरा करने के लिए बनता है। इस समूह में वह एक दूसरे की मदद के लिए साथ रहते हैं। तथा इस समूह में किसी को भी जबरदस्ती शामिल नहीं किया जाता। वह खुद अपनी मर्जी से शामिल होते हैं। और इसीलिए वह किसी दूसरे पर निर्भर नहीं रहते, और अपनी सहायता स्वयं (खुद) कर सकते हैं। इसीलिए इसका नाम स्वयं सहायता समूह है।
स्वयं सहायता समूह में रोजगार 2024
Self Help Group में 10 से 20 सदस्यों का एक समूह (स्वयं सहायता समूह में रोजगार 2024) बनता है। इन सदस्यों की आय एक समान वर्ग की होती है। और इसमें सदस्यों द्वारा मासिक आधार पर एक बराबर राशि तय की जाती है। जिसे पदाधिकारी अपने पास जमा कर के रजिस्टर में दर्ज करते हैं। और फिर अपने नजदीकी बैंक में जमा कर देते हैं। जहां पर उन्होंने समूह के नाम से बजट खाता खुलवाया होगा। इस खाते का संचालन समूह के पदाधिकारियों द्वारा किया जाता है। और इस समूह के किसी भी तीन सदस्यों को पदाधिकारी नियुक्त किया जाता है। जो इस समूह का संचालन करते हैं। एवं किसी भी लेनदेन का ब्यौरा करते हैं। और बैंक द्वारा कम ब्याज पर ऋण भी प्राप्त कर सकते हैं। अपने इस लेख में हम आपको नीचे NRLM SHG के बारे में बताएंगे। इसके लिए आपको हमारा यह लेख ध्यान पूर्वक पढ़ना होगा।
Day NRLM SHG की भूमिका
जैसा कि आप लोग जानते हैं कि करोना वायरस के कारण बहुत से लोग बेरोजगार हो गए थे। परंतु उस समय भारत में स्वय सहायता समूह द्वारा बहुत ही सराहनीय कार्य किया गया था। उन्होंने करो ना से लड़ने के लिए मास्क बनाना, सैनिटाइजर वितरण वे अन्य ऐसे सभी कार्यों में भाग लिया जो करोना के समय बहुत काम आए लोगों के। और हम सब आगे भी यही उम्मीद करते हैं कि हमारे देश के Self Halp Group ऐसे ही अच्छे कार्य करते रहें।
स्वयं सहायता समूह की नियमावली
स्वयं सहायता समूह एक ऐसा समूह है। जो अपनी आय से कुछ बचत करती है। और इस बजट को समूह के फंड में जमा करती रहती हैं। जिससे समूह के सदस्यों को जरूरत होने पर समूह की कुछ शर्तों और तय ब्याज अवधि पर देने के लिए आपस में सहमति करती हैं। इसका मतलब यह है कि इस समूह के सदस्य अपनी आमदनी में से कुछ बचत करके प्रतिमा अपने समूह में जमा कर देते हैं। और इस जमा राशि में से ही समूह के जरूरतमंद सदस्य को समूह की ही कुछ शर्तों पर ऋण दिया जाता है।
Self Help Group Benefits
- भारत के ग्रामीण क्षेत्रों के ऐसे गरीब लोगों का सरकार द्वारा उद्धार करना है जो अपनी गरीबी को खत्म करने की शक्ति रखते हैं। और उनके अंदर कुछ कर गुजरने की ताकत हो।
- Self help group के माध्यम से महिलाओं में जागरूकता फैलाना और उनके स्केल का विकास करना, महिला सशक्तिकरण को मजबूत बनाना आदि फायदे पूरे किए जा सकते हैं।
- सरकार का यही उद्देश्य है कि ग्रामीण क्षेत्रों के ग्रामीण समाज की गरीब महिलाएं एवं परिवार अपने जीवन में सुधार के साथ-साथ उसमे सामाजिक एकजुटता की भावना भी जागृत हो, और साथ ही वह एक मजबूत संगठन के रूप में विकसित हो सके। और उनकी वास्तविक क्षमता को जागृत करना है।
- स्वयं सहायता समूह के माध्यम से ग्रामीण गरीब परिवारों को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार उपलब्ध करवाना है। जिससे उनकी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति हो सके।
स्वयं सहायता समूह के कुछ नियम एवं कुछ शर्तें
- Self Help Group के सदस्यों द्वारा समूह में निरंतर मासिक बचत महिला के पास उपलब्ध संसाधनों से जमा की हो।
- समूह के नियम के अनुसार खाते का पूरा लेखा-जोखा रखा गया हो। जिससे किसी भी सदस्य को दिया गया ऋण एवं जमा की गई मासिक बजट राशि को पूरा विवरण एक रजिस्टर में दर्ज हो सके।
- स्वयं सहायता समूह में लोकतंत्रिक तरीके से कार्य हो रहा हो। सभी सदस्यों की सहभागिता रही हो, और सभी की बात भी सुनी जाती हो।
- बैंक द्वारा ऋण देते समय इन बिंदुओं को बारीकी से देखा जाता है। बैंक अधिकारी, शाखा प्रबंधक इस बात से संतुष्ट रहो की समूह का उद्देश्य वास्तविक स्वरोजगार एवं एक दूसरे की सहायता करना है। और बैंक ऋण आवेदन फॉर्म पर एक रेटिंग टेबल होती है। उसमें एक निश्चित नंबर प्राप्त होने पर ही ऋण के लिए पात्र माने जाते हैं।
- NRLM SHG को बैंक द्वारा ऋण का मानक उनके जमा के अनुसार जमा का 1:1 के अनुपात से लेकर 1:4 तक हो सकता है।
- स्वयं सहायता समूह कम से कम 6 माह से सक्रिय रुप से संचालित होना चाहिए।
- समूह द्वारा अपने पास जमा राशि से सदस्य को ऋण प्रदान किया हो।
- समूह के द्वारा समय-समय पर साप्ताहिक एवं मासिक आधार पर बैठक की जा रही हो। और इसका विवरण मीटिंग रजिस्टर में दर्ज हो।
- स्वयं सहायता समूह का उद्देश्य एक दूसरे की सहायता करना एवं स्वरोजगार होना चाहिए। नाके बैंक से केवल ऋण प्राप्त करना हो।
- समूह के सभी सदस्य एक हित और पृष्ठभूमि के होने चाहिए। यानी के सभी सदस्य जो सुषमा व्यवसाय कर रहे हैं। उस ग्रुप में एक ही व्यवसाय से संबंधित हो होने चाहिए। यदि किसी सदस्य का व्यवसाय दूध बेचने का हो तो सभी सदस्य उस से संबंधित ही हो।
Self Help Group का सदस्य बनने के मुख्य तथ्य
- समूह में अति गरीब या गरीब रेखा से नीचे की परिवार की महिलाओं को इसमें शामिल किया जाता है।
- समूह के सदस्यों द्वारा प्रत्येक माह कुछ राशि जमा की जाती है। इसके लिए ऐसे सदस्यों का होना भी जरूरी है। जो समूह सदस्यों की सहमति से निर्धारित न्यूनतम राशि जमा करने में समस्या होनी चाहिए। जिससे वे मासिक अंशदान कर सके।
- समूह में शामिल महिला सदस्यों को समय-समय पर होने वाली समूह की बैठक में शामिल होने के लिए समय होना चाहिए।
- समूह को दिया जाने वाला ऋण प्राथमिक श्रेणी में रखा गया हो। बैंक NRLM Project के अंतर्गत दिए गए ऋण को जब आगे रिपोर्ट करता है, तो आगे कॉलम में SHG को दिया गया ऋण को दर्शाया जाता है।
- स्वयं सहायता समूह में शामिल होने वाली महिला की उम्र 18 से 65 वर्ष के बीच की हो, और शामिल सदस्य महिला को NRLM SHG हेतु चिन्हित होना चाहिए।
- NRLM SHG के लिए ऐसी महिलाओं को शामिल किया जाएगा। जो आवश्यकता पढ़ने पर समूह कार्य करने के लिए तैयार हो।
- स्वयं सहायता समूह में 10 से 20 महीला होनी चाहिए।
नियुक्त पदाधिकारी
समूह को चलाने के लिए समूह सदस्यों में से तीन पदाधिकारियों को चुना जाता है। जिसमें अध्यक्ष, कोषाअध्यक्ष और सचिव होता है। अध्यक्ष का कार्य समूह का संचालन करना होता है। सचिव का कार्य समूह के सभी कार्यों का लेखा रखना होता है। तथा कोषाध्यक्ष का कार्य पैसों से संबंधित लेनदेन का हिसाब रखने का होता है। और सरकार द्वारा प्रत्येक गांवों के लिए एक NRLM sakhi का चुनाव भी क्या जाता है। जिसका कार्य समूह का गठन करना, शुरुआत समय में गांव में जागरूकता कैंप लगाना आदि होता है।
पात्रताए
- समूह का संचालन लोकतांत्रिक तरीके से हो।
- ऋण लेने का उद्देश्य सभी व्यक्तियों के हितों को ध्यान में रखकर किया गया हो।
- समूह गठन के बाद प्रत्येक सदस्य को अपने पास है कुछ राशि मासिक बचत का क्या जाना आवश्यक है। और इस राशि से ऋण लिया गया हो।
- पदाधिकारियों द्वारा सभी लेन देन का रिकॉर्ड सही तरह से रखा हो।
- ऋण लेने के लिए समूह कम से कम 6 महीने से एक्टिव हो।
बैंक ऋण के लिए ऑनलाइन आवेदन करना
- सबसे पहले आपको NRLM की आधिकारिक वेबसाइट https://nrlm.gov.in पर जाना है।
- अब होम पेज पर आने के बाद आपको quick link ऑप्शन पर क्लिक कर देना है।
- क्लिक करने के बाद आपको विकल्पों की 1 लंबी लिस्ट देखेगी। जिसमें से आपको SHG Bank Loan विकल्प पर क्लिक कर देना होगा।
- इसके बाद आपके सामने shg bank loan का डैशबोर्ड खुल जाएगा।
- अब बैंक लोन के डश बोर्ड पर आपको कुछ विकल्प दिखाई देंगे। जिसमें से आपको लॉगिन विकल्प पर क्लिक कर देना होगा।
- इसके बाद लॉगिन करने के लिए ब्लॉक/ तहसील से प्राप्त अपना user-id एवं पासवर्ड दर्ज कर दें।
- पासवर्ड दर्ज करने के बाद आप लॉगिन हो जाएंगे। यहां पर आपको न्यू एप्लीकेशन विकल्प को सेलेक्ट करना होगा।
- इसके बाद आपके सामने आवेदन फॉर्म खुलकर आ जाएगा। जिसमें मांगी गई सभी जानकारियों को आप को ध्यान पूर्वक भरना होगा।
- इसके बाद आपको सबमिट बटन पर क्लिक कर देना होगा।
- अब आपका shg bank loan का आवेदन पूरा हो जाएगा।
इसके बाद आपका आवेदन फॉर्म बैंक के पास पहुंचाया जाएगा। और बैंक भी इसी तरह user-id एवं पासवर्ड दर्ज कर समूह का यह आवेदन फॉर्म देख सकेंगे। अगर बैंक की सभी औपचारिकता पूरी हो जाती है तो बैंक द्वारा group का ऋण स्वीकृत कर लिया जाता है।
FAQs
SHG की फुल फॉर्म Self Help Group (स्वयं सहायता समूह) है।
स्वयं सहायता समूह की शुरुआत 2007 में हुई थी।
स्वयं सहायता समूह में 10 से 20 महिलाएं सदस्य होनी चाहिए।